What is jarib जरीब क्या है
राजस्व विभाग में उपयोग की जाने वाली जरीब भूमि की माप और सीमांकन (boundary demarcation) के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण यंत्र है। यहां विशेष रूप से पारंपरिक और राजकीय माप विधियों के अनुसार जरीब के कुछ विशिष्ट प्रकारों का प्रयोग होता है।
🔷 राजस्व विभाग में प्रचलित जरीब के प्रमुख प्रकार:
- लोहा जरीब (Gunter’s Chain / राजस्व जरीब)
- यह परंपरागत जरीब है जिसे पहले “राजस्व जरीब” कहा जाता था।
- एक जरीब = 66 फीट (20.1168 मीटर) होती है।
- इसमें 100 कड़ियाँ (links) होती हैं और प्रत्येक कड़ी लगभग 0.66 फीट (7.92 इंच) की होती है।
- भारत के कई राज्यों में, विशेष रूप से उत्तर भारत में, राजस्व भूमि मापन में यह मानक मानी जाती थी।
- यह दो व्यक्तियों द्वारा खींचकर मापी जाती है।
- पटवारी जरीब (कपड़े या नायलॉन की जरीब)
- यह हल्की, सस्ती और उपयोग में आसान होती है।
- पटवारी (ग्राम स्तर का राजस्व अधिकारी) इसका उपयोग सीमांकन व ग्रामीण सर्वे के लिए करता है।
- कपड़े की या प्लास्टिक/नायलॉन की टेप होती है।
- इसमें सामान्यतः एक जरीब (66 फीट) की माप होती है।
- फाइबर जरीब / नायलॉन टेप
- आधुनिक विकल्प के रूप में राजस्व विभाग अब फाइबरग्लास या नायलॉन टेप का प्रयोग करता है।
- यह मजबूत, लचीली और मौसम प्रतिरोधी होती है।
- यह सटीक माप देने में मदद करती है और इसे GPS/Total Station के साथ भी प्रयोग में लाया जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक सर्वे उपकरण (EDM, DGPS, Total Station)
- हाल के वर्षों में, राज्यों के राजस्व विभाग भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण हेतु Total Station और EDM उपकरण का उपयोग कर रहे हैं।
- ये उपकरण सेमी-डिजिटल और डिजिटल जरीब के रूप में कार्य करते हैं।
- इनमें अत्यंत सटीक माप, GPS डेटा और नक्शे की गणना संभव होती है।
🔸 राजस्व विभाग में मापन की परंपरागत इकाइयाँ (उत्तर भारत के संदर्भ में):
इकाई | माप |
---|---|
1 जरीब | 66 फीट (20.1168 मीटर) |
1 कड़ी | 0.66 फीट (7.92 इंच) |
1 बीघा | 20 जरीब (लगभग) |
1 एकड़ | 43,560 वर्ग फीट = 66 × 660 फीट |
ध्यान दें कि “बीघा”, “किस्सम”, “बिस्वा”, आदि इकाइयाँ अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग माप की होती हैं।
अगर आप राजस्व माप प्रणाली उत्तर प्रदेश राज्य की राजस्व जरीब प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो नीचे देखे
उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा भूमि मापन हेतु पारंपरिक से लेकर आधुनिक यंत्रों और इकाइयों का उपयोग किया जाता है। यहां “जरीब” का प्रयोग आज भी भूमि सीमांकन, खसरा नंबर की माप, और बीघा-बीसा आधारित मापने के कार्य में होता है।
🔷 उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा प्रयुक्त जरीब के प्रकार
1. लोहा जरीब (राजस्व जरीब)
- पारंपरिक और सरकारी मान्यता प्राप्त जरीब।
- 1 जरीब = 66 फीट (20.1168 मीटर)।
- 100 कड़ियाँ (Links) होती हैं; हर कड़ी = 0.66 फीट।
- इसका प्रयोग पटवारी/लेखपाल खेतों की माप व सीमांकन के लिए करते थे/करते हैं।
- इसे दो लोग पकड़कर एक सिरे से दूसरे सिरे तक खींचते हैं।
2. कपड़े या नायलॉन की जरीब
- हल्की और सस्ती, प्रायः पटवारी इस्तेमाल करते हैं।
- लंबाई: सामान्यतः 66 फीट ही होती है, ताकि लोहा जरीब के बराबर रहे।
- उपयोग: अस्थायी सीमांकन या ग्रामीण विवाद समाधान में।
3. फाइबरग्लास या स्टील टेप
- अधिक टिकाऊ और सटीक।
- अब राजस्व कर्मियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
- बारिश, कीचड़ या झाड़ियों में भी उपयोग में सुविधाजनक।
4. Total Station / GPS आधारित आधुनिक जरीब (भू-लेख डिजिटलीकरण में उपयोगी)
- डिजिटल और अत्यंत सटीक माप उपकरण।
- “डिजिटल जरीब” भी इसे अनौपचारिक रूप से कहा जाता है।
- भूमि रिकॉर्ड कंप्यूटरीकरण (भूलेख/भू-नक्शा) में प्रयोग होता है।
🔸 उत्तर प्रदेश में प्रचलित भूमि मापन इकाइयाँ
इकाई | क्षेत्रफल (लगभग) |
---|---|
1 जरीब | 66 फीट × 66 फीट = 4356 वर्ग फीट |
1 बीघा | 20 जरीब = 87120 वर्ग फीट |
1 बिस्सा | 1/20 बीघा = 4356 वर्ग फीट |
1 बिस्वा | आधा बिस्सा = 2178 वर्ग फीट |
👉 नोट: बीघा, बिस्स्वा आदि का माप जिले या अंचल के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए:
- पूर्वी उत्तर प्रदेश (जैसे गोरखपुर, देवरिया) में बीघा का माप कुछ अलग हो सकता है।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश (जैसे मेरठ, मथुरा) में 1 बीघा = लगभग 27225 वर्ग फीट भी होता है।
🧾 उपयोग के उदाहरण:
- पटवारी या लेखपाल विवादित भूमि की माप करने के लिए जरीब से मापन करते हैं।
- सीमांकन करते समय जरीब + नपती खम्भे + नक्शा (खसरा) साथ में प्रयोग होता है।
- अब ऑनलाइन पोर्टल जैसे UP Bhulekh के जरिए डिजिटल नक्शों की सहायता से मापन सटीक किया जा रहा है।
✅ 66 फीट की जरीब – पूरा विवरण
66 फीट की जरीब भारत के पारंपरिक भूमि मापन तंत्र में सबसे अधिक प्रचलित मानक इकाई है, विशेषकर राजस्व विभाग में। इसे ही अक्सर “एक जरीब” कहा जाता है।
🔷 66 फीट की जरीब का आधार
- 1 जरीब = 66 फीट = 20.1168 मीटर
- यह माप प्रणाली अंग्रेजों के जमाने की “गंटर की जरीब” (Gunter’s Chain) से ली गई है।
- इसमें कुल 100 कड़ियाँ (links) होती हैं।
- हर कड़ी की लंबाई = 0.66 फीट (7.92 इंच)
🔸 66 फीट की जरीब के प्रयोग
उपयोग क्षेत्र | विवरण |
---|---|
भूमि मापन | खेत, प्लॉट या ज़मीन की लंबाई-चौड़ाई मापने के लिए |
राजस्व विभाग | खसरा, खतौनी, सीमांकन, बीघा/बिस्वा की गणना हेतु |
पटवारी/लेखपाल कार्य | ग्रामीण क्षेत्रों में सीमांकन और भूमि विवाद समाधान |
खेत विभाजन / विरासत मापन | खेत के हिस्सों को बराबर-बराबर बांटने हेतु |
🔹 66 फीट की जरीब से क्षेत्रफल कैसे निकालें?
यदि जमीन एक जरीब × एक जरीब आकार की हो:
- लंबाई = 66 फीट
- चौड़ाई = 66 फीट
- क्षेत्रफल = 66 × 66 = 4356 वर्ग फीट
👉 उदाहरण:
माप (जरीब में) | कुल क्षेत्रफल (वर्ग फीट में) |
---|---|
1 × 1 जरीब | 4356 वर्ग फीट |
2 × 2 जरीब | 4 × 4356 = 17,424 वर्ग फीट |
1 × 3 जरीब | 3 × 4356 = 13,068 वर्ग फीट |
🔸 66 फीट की जरीब और बीघा का संबंध (उत्तर प्रदेश में)
- उत्तर प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में:
- 1 बीघा = 20 जरीब = 66 × 20 = 1320 फीट (लंबाई में)
- क्षेत्रफल = 87120 वर्ग फीट (20 × 4356)
⚠️ बीघा का मान विभिन्न जिलों में बदल सकता है (पूर्वी और पश्चिमी यूपी में अलग-अलग)।
🔧 66 फीट की जरीब बनती कैसे है?
- लोहा जरीब: 100 लोहे की कड़ियाँ जोड़कर, प्रत्येक 0.66 फीट लंबी।
- कपड़े या फाइबर की जरीब: एक टेप या रस्सी जिसमें हर 66 फीट पर निशान/गांठ।
- कभी-कभी गांटरी जरीब में भी 66 फीट लंबाई रखी जाती है — हर गांठ पर 66 फीट का संकेत।
📌 निष्कर्ष:
66 फीट की जरीब उत्तर भारत के राजस्व और ग्रामीण मापन तंत्र की मूलभूत इकाई है। यह आज भी पटवारियों, लेखपालों और ज़मीनी विवादों के समाधान में उपयोग की जाती है, भले ही तकनीक आधुनिक हो गई हो।
अगर आप चाहें, तो मैं आपको 66 फीट जरीब से बीघा-बिस्सा का चार्ट, या कैसे खुद बनाएं जरीब का तरीका भी बता सकता हूँ।
अद्भुत! आइए अब देखते हैं कि:
✅ 66 फीट की जरीब से बीघा-बिस्सा निकालने का आसान चार्ट (उत्तर प्रदेश के लिए)
उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों (खासकर पूर्वांचल) में:
- 1 बीघा = 20 जरीब = 87120 वर्ग फीट
- 1 बिस्सा = 1/20 बीघा = 4356 वर्ग फीट
🔹 चार्ट: जरीब से बीघा और बिस्सा
जरीब (66×66) | क्षेत्रफल (वर्ग फीट) | बीघा में | बिस्सा में |
---|---|---|---|
1 जरीब | 4356 | 0.05 | 1 |
2 जरीब | 8712 | 0.10 | 2 |
5 जरीब | 21780 | 0.25 | 5 |
10 जरीब | 43560 | 0.50 | 10 |
15 जरीब | 65340 | 0.75 | 15 |
20 जरीब | 87120 | 1.00 | 20 |
40 जरीब | 174240 | 2.00 | 40 |
🔧 कैसे बनाएं 66 फीट की “गांटरी जरीब” (घर पर)
सामान:
- 70 फीट लंबी मजबूत रस्सी या कपड़े की पट्टी
- फीता या माप टेप
- चूना या रंग (गांठ के स्थान चिह्नित करने के लिए)
- या सीधे गांठ बाँधें
विधि:
- 66 फीट लंबाई माप लें।
- हर 66 फीट पर एक गांठ बाँधें = 1 जरीब।
- चाहें तो हर 6.6 फीट (1 कड़ी) पर भी उप-गांठ बाँध सकते हैं।
अब आप जमीन नापते समय गांठें गिनकर सीधे “जरीब” में माप निकाल सकते हैं।