e-RUPI Digital Currency/क्या होता है ई-रुपी ? कैसे काम करता है यह डिजिटल करेंसी ?

e-RUPI Digital Currency/क्या होता है ई-रुपी ? कैसे काम करता है यह डिजिटल करेंसी ?

e-RUPI Digital Currency/क्या होता है ई-रुपी ? कैसे काम करता यह डिजिटल करेंसी है?
e-RUPI Digital Currency/क्या होता है ई-रुपी ? कैसे काम करता यह डिजिटल करेंसी है?

ई रूपी एक डिजिटल वाउचर है जो एक लाभार्थी को उसके फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में मिलता है । यह एक प्रीपेड वाउचर है, जिसे वह किसी भी केंद्र पर जो इसे स्वीकार करता है , वहां जाकर इसका उपयोग कर सकता है ।

उदाहरण के लिए , यदि सरकार अपने कर्मचारी का किसी अस्पताल में इलाज का खर्च वहन करना चाहती है , तो वह एक भागीदार बैंक के माध्यम से निर्धारित राशि के लिए ई – रूपी का वाउचर जारी कर सकेगी। कर्मचारी को उसके फीचर फोन या स्मार्टफोन पर एक एसएमएस या एक क्यूआर कोड प्राप्त होगा, वह अस्पताल में जाकर उसकी सेवाओं का लाभ उठाएगा और अपने फोन पर प्राप्त ई – रूपी वाउचर से भुगतान कर सकेगा ।

इस प्रकार ई -रूपी एक संपर्क रहित कैशलेस वाउचर आधारित भुगतान का तरीका है, जो उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग तक पहुंचे बिना वाउचर बनाने में मदद करता है ।

ई -रूपी को वैसी डिजिटल मुद्रा मानने का भ्रम नहीं होना चाहिए जिसे लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक विचार कर रहा है । इसकी बजाय ई – रूपी एक व्यक्ति विशेष, यहां तक कि उद्देश विशिष्ट डिजिटल वाउचर है।

ई -रूपी किसने विकसित किया है ?

भारत में डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की देखरेख करने वाले नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( एनपीसीआई) ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह वाउचर आधारित भुगतान प्रणाली ई – रूपी लांच की है ।

वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से इसे विकसित किया गया है।

ई -रूपी उपभोक्ता के लिए कैसे फायदेमंद है?

ई – रूपी के लिए लाभार्थी के पास बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है , जो अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों की तुलना में इसकी एक प्रमुख विशेषता है।

यह एक आसान संपर्क रहित भुगतान पाने की दो चरणीय प्रक्रिया सुनिश्चित करता है जिसमें व्यक्तिगत विवरण साझा करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

इसका एक अन्य लाभ यह भी है कि ई -रूपी की बुनियादी फोन पर भी संचालित होता है इसलिए इसका उपयोग उन लोगों द्वारा भी किया जा सकता है जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या उन जगहों पर जहां इंटरनेट कनेक्शन कमजोर है।

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प्रायोजकों को ई -रूपी से क्या लाभ है ?

उम्मीद है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को मजबूत करने तथा इसे और अधिक पारदर्शी बनाने में ई -रूपी एक प्रमुख भूमिका निभा सकेगा क्योंकि बाउचर को भौतिक रूप से जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है इससे लागत की भी कुछ बचत होगी।

सेवा प्रदाताओं को क्या लाभ होंगे ?

ई – रूपी प्रीपेड वाउचर होने के कारण सेवा प्रदाता को रियल टाइम भुगतान का भरोसा देगा।

कौन से बैंक ई – रूपी जारी करते हैं ?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ई – रूपी लेनदेन के लिए 11 बैंकों के साथ साझेदारी की है।

ये बैंक हैं:-

  • एक्सिस बैंक
  • बैंक ऑफ बड़ौदा
  • केनरा बैंक
  • एचडीएफसी बैंक
  • आईसीआईसीआई बैंक
  • इंडियन बैंक
  • इंडसइंड बैंक
  • कोटक महिंद्रा बैंक
  • पंजाब नेशनल बैंक
  • भारतीय स्टेट बैंक
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

इसे लेने वाले ऐप्स हैं :-

  • भारत पे
  • भीम (BHIM)
  • बड़ौदा मर्चेंट पे
  • पाइन लैब्स
  • पीएनबी मर्चेंट पे
  • योनो एसबीआई मर्चेंट पे

जल्द ही ई -रूपी स्वीकार करने वाले और अधिक बैंकों और ऐप्स के इसमें शामिल होने की उम्मीद है।

अभी ई – रूपी का उपयोग कहां किया जा सकता है ?

शुरुआत में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने 16 सौ से अधिक अस्पतालों के साथ करार किया है , जहाँ ई- रूपी से भुगतान किया जा सकता है । आने वाले दिनों में ई -रूपी का उपयोग का आधार व्यापक होने की उम्मीद है। यहां तक कि निजी क्षेत्र भी इसका उपयोग अपने कर्मचारियों को लाभ देने के लिए कर सकेंगे ।सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्योग भी इसे बिजनेस टू बिजनेस लेनदेन के लिए अपना सकेंगे । रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया है कि ई – रूपी डिजिटल वाउचर की सीमा को ₹10000 से बढ़ाकर ₹100000 कर दिया गया है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इसमें मल्टीप्ल यूज को मंजूरी दे दी गई है।

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