अब उत्तर प्रदेश में भी मिलेगा विवाहित बेटियों को पिता की जमीन में हिस्सा

अब उत्तर प्रदेश में भी मिलेगा विवाहित बेटियों को पिता की जमीन में हिस्सा

वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसके उत्तराधिकारियों को वरासत में जमीन मिलती है । वरासत में उनके वारिसों को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 108 109 110 के अंतर्गत प्राप्त होती है।

यदि किसी पुरुष के धारा 108 की खंड क में बारिश जीवित है तो अन्य लोगों को जमीन प्राप्त नहीं होती है अर्थात यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पुत्र जीवित हैं तो विवाहित पुत्री को उसकी भूमि में कोई अधिकार नहीं मिलता है।

उत्तर प्रदेश में शादीशुदा बेटियों को कृषि भूमि में नहीं मिलता है मध्य प्रदेश में विवाहित पुत्री को पिता की कृषि भूमि में अधिकार मिलता है । उत्तर प्रदेश सरकार शादीशुदा बेटियों को पिता की कृषि भूमि में हिस्सा देने की तैयारी कर रही है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है की विवाहित पुत्री को कृषि भूमि में कितने प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा तथा यह प्रस्ताव कब तक पास होगा इस संबंध में भी अभी कुछ जानकारी नहीं है लेकिन राजस्व परिषद ने इसका प्रपोजल तैयार कर लिया है जल्द ही इसको योगी कैबिनेट से मंजूरी दिलवा कर प्रस्ताव पास कर लिया जाएगा जैसे ही कैबिनेट से पास होगा। राज्यपाल की मोहर लग जाएगी उसके बाद यह कानून बन जाएगा ।

अगर ऐसा हुआ कार्य कारगर साबित होगा तथा 2027 के होने वाले चुनाव में इसका सीधा-सीधा असर देखने को मिलेगा । इस गेम के उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं का वोट बैंक भी प्राप्त होगा ।

जानिए इसमें बेटियों को क्या फायदा होने वाला है

वर्तमान में क्या नियम है वर्तमान में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता धारा 108,109,110 के अंतर्गत वारिसानो का निर्धारण होता है पुत्रों के साथ ही साथ पत्नी एवं अविवाहित पुत्री का भी हिस्सा होता है यदि किसी व्यक्ति की पत्नी पुत्र और अविवाहित पुत्री नहीं है तो उसकी कृषि भूमि विवाहित पुत्री को मिलेगी लेकिन यदि मृतक व्यक्ति का पुत्र जीवित है तो विवाहित पुत्री को कोई कृषि भूमि नहीं मिलेगी अर्थात पिता की भूमि में विवाहित पुत्री का कोई अधिकार नहीं होगा ।

जानिए कहां-कहां पर पिता की कृषि भूमि पर बेटियों को अधिकार प्राप्त होता है

उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान मध्य प्रदेश में शादीशुदा बेटियों को पिता की कृषि भूमि में बराबर हिस्सा देने का नियम है।

जानिए कैसे लागू होगा नियम और किसको मिलेगा लाभ

कानून के जानकार बताते हैं की राजस्व परिषद के प्रस्ताव पर पहले न्याय विभाग की राय ली जाएगी उसके बाद वित्त विभाग की राय ली जाएगी उसके बाद प्रस्ताव कैबिनेट में पास पेश किया जाएगा कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी उसके बाद विधानमंडल के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित करना होगा विधानमंडल की मंजूरी के बाद राज्यपाल की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा उसके बाद राजस्व संहिता में संशोधन करना होगा उसके बाद निर्धारित होने वाली बरासत में उसका लाभ उसकी पुत्री को मिलेगा ।

जानिए ऐसा कानून क्यों बनाया जा रहा है

जानकारों का कहना है की बेटी की शादी के बाद उसके पति की मृत्यु हो जाती है या फिर तलाक हो जाता है ऐसी स्थिति में कृषि भूमि में उसे वहां हिस्सा नहीं मिलता है। और वह आसहाय हो जाती है। ऐसे म मैं विवाहित पुत्रया अपने पिता की जमीन में हिस्सा मांगने के लिए अक्सर गुहार लगाती है। लेकिन राजस्व संहिता में कोई प्रावधान नहीं होने के कारण कुछ नहीं हो पता था।

उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने शादीशुदा बेटियों को पिता की कृषि भूमि में हक दिलाने के लिए एक मसौदा तैयार किया है उनके मुताबिक सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद ही इसे तैयार किया गया इसके अंतर्गत शादीशुदा बेटी को भी कृषि भूमि में हिस्सा मिल पाएगा हालांकि यह सब योगी कैबिनेट के पास होने के बाद क्लियर हो पाएगा ।

जानिए व्यवस्था आसान बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे

उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद में स्टांप रजिस्ट्रेशन विभाग को भी परिषद के अधीन करने का प्रस्ताव तैयार किया है। परिषद प्रशासन का मानना है इससे किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री होते ही वह राजसरकार के रिकॉर्ड में दर्ज हो सकेगी जमीन की रजिस्ट्री के बाद नामांकन को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है दोनों विभागों का नियंत्रण परिषद के पास होने से इस समस्या का समाधान भी हो पाएगा । चकबंदी लेखपालों को भी राजस्व परिषद के अंदर ही रखने का प्रस्ताव दिया है ऐसा करने से दोनों विभागों के बीच विवाद खत्म हो जाएगा और चकबंदी का काम तय समय पर होगा । विवादों में कमी आएगी।

परिणाम क्या हो सकते हैं यदि पिता की कृषि भूमि में बेटियों को अधिकार मिलने लगेगा

वर्तमान में कृषि भूमि में विवाहित बेटी का हक नहीं होता है इस कारण भाई और बहन का संबंध अच्छा होता है भाई अपनी बहन को हर त्यौहार पर हर छोटे बड़े प्रोग्राम में बुलाता है । किसी कारण से प्रस्ताव पास होने के बाद यदि बहन पिता की कृषि भूमि को जबरदस्ती अपने अधिकार क्षेत्र में लेती है तो उसका भाई के साथ विवादऔर उन दोनों के बीच में संपत्ति का विवाद शुरू हो जाएगा । ईस प्रकार इस कानून के पास होने से भविष्य में भाई बहनों का जो प्यार है उसने कमी आएगी और अनेक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

इस प्रकार का कानून पास होने के बाद विवाहित पुत्री को उसकी ससुराल में मायके पक्ष का हिस्सा लेने क लिए प्रताड़ित किया जा सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top