
लेखपाल की समस्याएं
लेखपाल की प्रमुख समस्याएं :- लेखपालों की कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जो उनके कार्य, सामाजिक स्थिति, और संसाधनों की उपलब्धता से जुड़ी होती हैं। वर्तमान समय मे राजस्व विभाग के साथ-साथ अन्य कई विभागों के कार्य भी लेखपाल से कराए जा रहे हैं। इन कार्यों को लखपाल अपने निजी ससाधनों का प्रयोग करके किसी तरह से कर रहा है ।
नीचे कुछ मुख्य समस्याएं दी गई हैं:-
- कर्मचारी संख्या की उत्तर प्रदेश जीवित अन्य राज्यों में लेखपालों की संख्या बहुत कम है जबकि काम का बोझ अत्यधिक है। एक लेखपाल को कई गांवों या बहुत बड़े क्षेत्र की ज़िम्मेदारी दी जाती है। जबकि वेतन केवल एक क्षेत्र का दिया जाता है।
- तकनीकी संसाधनों की कमी:
डिजिटल इंडिया के तहत कार्यों का डिजिटलीकरण हुआ है, लेकिन कई क्षेत्रों में आवश्यक तकनीकी उपकरण, इंटरनेट कनेक्टिविटी, और प्रशिक्षण की कमी रहती है। जिसके कारण लेखपाल सभी कार्यों को अच्छे ढंग से नहीं कर पाताहै। - भ्रष्टाचार का दबाव:
कुछ मामलों में राजनीतिक या बाहरी दबाव के चलते लेखपालों को गलत कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है। इससे उनका मानसिक तनाव बढ़ता है। और हर समय काम करने में डर लगा रहता है। - कम वेतन और प्रमोशन की धीमी प्रक्रिया:
अपेक्षाकृत कम वेतन और पदोन्नति के अवसरों की कमी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे लेखपालों में असंतोष रहता है। यह बात बिल्कुल सही है कि लेखपालों का वेतन उनकी कार्यभार, जिम्मेदारियों और भूमि प्रशासन में उनके योगदान की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। लेखपालों को भूमि की पैमाइश, रिकॉर्ड अपडेट करना, नामांतरण, सरकारी योजनाओं की निगरानी, राजस्व संग्रह, प्राकृतिक आपदा की रिपोर्टिंग जैसे कई जिम्मेदार काम करने होते हैं। फिर भी, उनका मासिक वेतन अन्य सरकारी विभागों की तुलनात्मक पोस्टों से कम होता है। अन्य पदों की तुलनाएक ही स्तर पर कार्य कर रहे अन्य कर्मचारी जैसे कनिष्ठ सहायक, लिपिक या पुलिस कांस्टेबल को भी कई राज्यों में लेखपालों से बेहतर वेतन व सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। - जनता की अपेक्षाएं और दबाव:
ग्रामीण जनता अक्सर लेखपाल से हर भूमि संबंधित समस्या का समाधान चाहती है, जिससे उन पर दबाव बढ़ता है। हर व्यक्ति अपने काम करने के लिए लेखपाल पर दबाव डालना चाहता है अपना काम करवाने के लिए क्या है उसे राजनीतिक जवाब डलवाना हो या फिर क्षेत्रीय लोगों से। - मौसम और क्षेत्रीय चुनौतियाँ:
कई बार उन्हें दूर-दराज के गाँवों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। - प्रशिक्षण की कमी:
नई नीतियों और तकनीकों के अनुसार समय-समय पर प्रशिक्षण न मिलने से वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से नहीं कर पाते।
8. अत्यधिक कार्यभार
जनसंख्या और भूमि के रिकार्ड की वृद्धि के कारण कार्यभार बहुत अधिक होता है। एक ही लेखपाल को कई गांवों या क्षेत्रों की ज़िम्मेदारी दी जाती है। वर्तमान समय में अनेक तहसीलों में लेखपालों के कुल पदों की सापेक्ष 50% से भी कम लेखपाल है।
9. पुरानी तकनीक और संसाधनों की कमी
आधुनिक तकनीकी उपकरणों की अनुपलब्धता (जैसे GPS, टैबलेट, अपडेटेड सॉफ्टवेयर)। वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का युग है। जमीन की पैमाईश के लिए अनेक उपकरण उपलब्ध हैं लेकिन लेखपालों को अभी तक टोडरमलक के जमाने की पुरानी तकनीक से ह काम चलाना पड़ रहा है जिससे कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
अक्सर पुराने सिस्टम धीमे या त्रुटिपूर्ण होते हैं।
लेखपाल के प्रमुख औजार
“लेखपाल फेमस के उपकरण” से आपका मतलब संभवतः लेखपाल के कार्यों में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख उपकरण से है। नीचे लेखपालों द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रमुख (फेमस) उपकरणों की सूची दी जा रही है:-
लेखपाल के प्रमुख उपकरण (फेमस टूल्स):
1. नापी की ज़ंजीर (गणचेन / चेन सर्वेयर)भूमि मापने के लिए इस्तेमाल होती है। आमतौर पर 66 फीट या 100 फीट लंबी होती है।
लाल किताब / खतौनी / खसरा रजिस्टरभूमि के मालिकाना हक और फसली विवरण दर्ज करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज़।
4. GPS डिवाइस / टोटल स्टेशन (Total Station)भूमि की सटीक माप और सीमांकन के लिए आधुनिक डिजिटल उपकरण। यह मशीन अभी तक लेखपालों के लिए उपलब्ध नहीं है बहुत जल्द लेखपालों को यह मशीन उपलब्ध कराई जा सकती है वर्तमान में लेखपाल लोहे की जजीर अर्थात करीब से भूमि की पैमाईश करते हैं। जो पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता है।
5. दस्ताने, टॉर्च और मापक फीता (Measuring Tape)फील्ड में कार्य करते समय सहायता के लिए।
6. एंड्रॉइड मोबाइल / टैबलेटडिजिटलीकरण के दौर में भूमि अभिलेखों की ऑनलाइन एंट्री, फोटो अपलोड आदि के लिए।
7. लेजर लेवल / थियोडोलाइट (Theodolite)जमीन की ऊँचाई, ढाल और दिशा का मापन करने के लिए।
8. राजस्व नक्शा / फर्द नक्शाजमीन की स्थिति और सीमाओं की जानकारी के लिए उपयोगी। किसी भीहल्के में यदि लेखपाल को किसी खेत का नक्शा देखना हो तो नक्शा बंदोबस्त में ही देखते हैं
9. ई-डिवाइस / भूलेख पोर्टल एक्सेस कार्डऑनलाइन पोर्टल (जैसे Bhulekh, BhuNaksha) के लिए उपयोग में लिया जाने वाला लॉगिन सिस्टम
10. दैनिक कार्य पंजिका / रिपोर्ट फ़ॉर्मलेखपाल को प्रतिदिन किए गए कार्यों की रिपोर्ट लिखने के लिए।