Old Pension Scheme पुरानी पेंशन योजना
आप पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme / OPS) की पूरी जानकारी चाहते हैं। तो आज मैं इसे चरणबद्ध तरीके से आपको समझा देता हूँ ताकि आपको स्पष्ट और विस्तृत जानकारी मिल सके। इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आपको सरे सबालों के जबाब मिल जायेंगे
1. पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या है?
पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक रिटायरमेंट बेनिफिट सिस्टम है, जो 01 जनवरी 2004 से पहले लागू थी। इस पेंशन में अनेकक विशेषताएं थी ।
- इस योजना के अंतर्गत सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त करते हैं।
- पेंशन सरकार की गारंटी पर आधारित होती है और जीवनभर मिलती है।
- कर्मचारी को अलग से निवेश करने की जरूरत नहीं होती।
2. पुरानी पेंशन योजना की मुख्य विशेषताएँ
- गारंटीड पेंशन
- अंतिम सैलरी (Basic Pay + DA) का 50% पेंशन के रूप में मिलती है।
- मृत्यु पर परिवार पेंशन
- रिटायर कर्मचारी के निधन के बाद पारिवारिक पेंशन मिलती है।
- महंगाई राहत (DA)
- पेंशन पर भी DA लागू होता है, यानी महंगाई के अनुसार पेंशन बढ़ती रहती है।
- जीवनभर सुरक्षा
- कर्मचारी और उसके परिवार को जीवनभर वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
- ग्रेच्युटी व अन्य लाभ
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (Gratuity) और पेंशन कम्यूटेशन (एकमुश्त धनराशि) भी मिलती है।
3. OPS के लिए पात्रता
- 01 जनवरी 2004 से पहले नियुक्त केंद्र और राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारी।
- कुछ राज्यों ने अब OPS बहाल करने की घोषणा की है (जैसे राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़)।
4. पेंशन की गणना का तरीका
आइये जानते है कि पुराणी पेंशन कि गणना कैसे करते है । पुरानी पेंशन योजना में पेंशन इस प्रकार निकलती है:पेंशन=अंतिम मूल वेतन + DA2\text{पेंशन} = \frac{\text{अंतिम मूल वेतन + DA}}{2}पेंशन=2अंतिम मूल वेतन + DA
उदाहरण:
- अंतिम मूल वेतन + DA = ₹60,000
- मासिक पेंशन = 60,000 ÷ 2 = ₹30,000
5. पुरानी पेंशन के फायदे
- जीवनभर गारंटीड पेंशन।
- मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन।
- पेंशन पर DA का लाभ।
- सरकारी गारंटी – जोखिम शून्य।
6. OPS के नुकसान
- सरकार पर लंबी अवधि का वित्तीय बोझ।
- कोई व्यक्तिगत निवेश नियंत्रण नहीं, पूरी तरह सरकारी फंडिंग पर निर्भर।
- नए कर्मचारियों को OPS नहीं मिलता (2004 के बाद NPS लागू)।
7. OPS और NPS में मुख्य अंतर
| विशेषता | OPS (पुरानी पेंशन) | NPS (नई पेंशन) |
|---|---|---|
| पेंशन प्रकार | गारंटीड जीवनभर पेंशन | मार्केट आधारित, कोई गारंटी नहीं |
| योगदान | कर्मचारी से कोई योगदान नहीं | कर्मचारी व सरकार दोनों का योगदान |
| पेंशन राशि | अंतिम सैलरी का 50% | मार्केट रिटर्न पर निर्भर |
| मृत्यु उपरांत लाभ | परिवार को पेंशन | कॉर्पस पर आधारित |
| जोखिम | शून्य | मार्केट रिस्क मौजूद |
आइये अब मैं भारत में किन राज्यों ने OPS बहाल की है और 2025 तक किन पर चर्चा चल रही है उसकी भी पूरी सूची बना रहा हूँ।
यह रही 2025 तक उन राज्यों की सूची, जिन्होंने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया है या उस पर चर्चा/विचार किया है:
✅ पुरानी पेंशन योजना बहाल कर चुके राज्य (2025 तक)
| राज्य | लागू वर्ष | विवरण |
|---|---|---|
| राजस्थान | 2022 | 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को भी OPS |
| छत्तीसगढ़ | 2022 | कांग्रेस सरकार द्वारा बहाली, कर्मचारियों को विकल्प |
| झारखंड | 2022 | कैबिनेट ने OPS लागू करने की मंजूरी दी |
| पंजाब | 2022 | सरकार ने OPS लागू कर दिया, कर्मचारियों को फायदा |
| हिमाचल प्रदेश | 2023 | चुनावी वादा निभाते हुए OPS बहाल |
🔄 OPS पर विचार कर रहे राज्य (2025 तक)
| राज्य | स्थिति (2025) | विवरण |
|---|---|---|
| केरल | विचाराधीन | कर्मचारी संगठन दबाव बना रहे हैं |
| तमिलनाडु | प्रस्ताव लंबित | सरकार की स्टडी कमेटी बनी |
| बिहार | दबाव में | सरकार अभी NPS पर ही टिकी |
| उत्तर प्रदेश | कर्मचारी मांग जारी | सरकार ने अब तक OPS लागू नहीं किया |
| उत्तराखंड | समिति गठित | निर्णय की प्रतीक्षा |
| दिल्ली | कर्मचारी मांग कर रहे | OPS लागू नहीं |
| तेलंगाना | प्रस्तावित | चुनाव से पहले चर्चा हुई |
NPS VS UPS : मुख्य अंतरों को समझना
| विशेषता | राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) | एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) |
| प्रकार | बाजार-लिंक्ड निवेश योजना | हाइब्रिड पेंशन योजना (योगदान मॉडल के साथ गारंटीकृत पेंशन) |
| लागू | सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, अनिवासी भारतीय, स्व-नियोजित व्यक्ति | केंद्रीय सरकारी कर्मचारी (राज्य कर्मचारियों तक विस्तारित हो सकते हैं) |
| कर्मचारी योगदान | मूल वेतन का 10% + महंगाई भत्ता (डीए) | मूल वेतन का 10% + महंगाई भत्ता (डीए) |
| सरकारी योगदान | मूल वेतन का 14% + महंगाई भत्ता (डीए) | मूल वेतन का 8.5% + महंगाई भत्ता (डीए) |
| पेंशन गणना | निवेश प्रदर्शन और वार्षिकी योजना पर निर्भर करता है | पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% (25+ वर्ष की सेवा वाले कर्मचारियों के लिए) |
| सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान | 60% कोष (कर-मुक्त), 40% वार्षिकीकृत | नहीं |
| पारिवारिक पेंशन | चुनी गई वार्षिकी योजना पर निर्भर करता है | अंतिम पेंशन का 60% परिवार को दिया जाता है |
| मुद्रास्फीति संरक्षण (डीए संशोधन) | DA संशोधन की कोई गारंटी नहीं | हाँ, मुद्रास्फीति से जुड़े समायोजन |
| कर लाभ | धारा 80सी, 80सीसीडी (1बी) और 80सीसीडी (2) के तहत कर कटौती | कराधान विवरण अभी स्पष्ट नहीं किया गया है |
| जोखिम कारक | बाजार पर निर्भर रिटर्न, कोई गारंटीकृत पेंशन नहीं | कोई बाजार जोखिम नहीं, सुनिश्चित पेंशन |
| ग्रेच्युटी लाभ | हाँ | हाँ |
| निवेश में लचीलापन | फंड मैनेजरों और निवेश विकल्पों का चयन | लागू नहीं |
| वहनीयता | टिकाऊ, निवेश के माध्यम से स्व-वित्तपोषित | सरकारी सहायता के साथ संतुलित दृष्टिकोण |
📌 OPS पर केंद्र सरकार का रुख (2025 तक)
- OPS बहाली पर विरोध।
- केंद्र सरकार का कहना है कि OPS से सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा।
- केंद्र अब तक NPS को ही जारी रखने के पक्ष में है।
🗳️ राजनीतिक दृष्टिकोण
- कई राज्य चुनावों में OPS एक प्रमुख मुद्दा बन गया है।
- कर्मचारियों का समर्थन पाने के लिए राजनीतिक दल OPS बहाली का वादा कर रहे हैं।
🧾 संबंधित संगठन और आंदोलन
- नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS)
- यह संगठन देशभर में OPS बहाली के लिए आंदोलन कर रहा है।
- सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में इसमें शामिल हैं।
अब मैं एक OPS बनाम NPS तुलनात्मक PDF चार्ट या राज्यवार OPS अपडेट की इमेज/पोस्टर भी बना रहा हूँ जो सोशल मीडिया पर साझा करने योग्य हो। बताएं, क्या आप वो चाहते हैं?

OPS VS NPS फायदा य़ा नुकसान
आपने OPS बनाम NPS की विस्तृत जानकारी माँगी है। यहाँ मैं आपको चरणबद्ध तरीके से पूर्ण विवरण दे रहा हूँ ताकि आप आसानी से तुलना कर सकें:
1. योजना का परिचय Old Pension Scheme
OPS (Old Pension Scheme / पुरानी पेंशन योजना)
- इसे Defined Benefit Scheme कहा जाता है।
- कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद जीवनभर गारंटीड पेंशन मिलती है।
- 2004 से पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारियों पर लागू।
- पेंशन का भुगतान पूरी तरह सरकार करती है।
NPS (New Pension Scheme / नई पेंशन योजना)
- इसे Defined Contribution Scheme कहा जाता है।
- कर्मचारी और सरकार दोनों पेंशन के लिए योगदान करते हैं।
- रिटायरमेंट पर पेंशन मार्केट रिटर्न पर निर्भर होती है, गारंटी नहीं होती।
- 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी केंद्र व अधिकतर राज्य सरकारी कर्मचारी NPS के तहत आते हैं।
2. योगदान व्यवस्था OPS VS NPS
| योजना | कर्मचारी का योगदान | सरकार का योगदान |
|---|---|---|
| OPS | कोई योगदान नहीं | 100% सरकार द्वारा पेंशन फंडिंग |
| NPS | 10% बेसिक + DA | केंद्र सरकार 14% बेसिक + DA देती है |
3. पेंशन की गणना
OPS में पेंशन गणना
पेंशन=अंतिम बेसिक वेतन + DA2\text{पेंशन} = \frac{\text{अंतिम बेसिक वेतन + DA}}{2}पेंशन=2अंतिम बेसिक वेतन + DA
उदाहरण:
- अंतिम वेतन (बेसिक+DA) = ₹60,000
- मासिक पेंशन = ₹60,000 ÷ 2 = ₹30,000
- DA भी पेंशन पर लागू होता है (मुद्रास्फीति के साथ बढ़ता है)।
NPS में पेंशन गणना
- रिटायरमेंट तक कर्मचारी और सरकार का योगदान + मार्केट रिटर्न = कॉर्पस।
- इस कॉर्पस का 40% एन्युइटी खरीदने में जाता है, जिससे पेंशन बनती है।
- पेंशन मार्केट रिटर्न और एन्युइटी रेट पर निर्भर होती है।
4. मृत्यु उपरांत लाभ OPS VS NPS
| योजना | मृत्यु के बाद परिवार को लाभ |
|---|---|
| OPS | जीवनभर पारिवारिक पेंशन (Family Pension) |
| NPS | कॉर्पस के अनुसार सीमित एन्युइटी और लाभार्थी को शेष राशि |
5. महंगाई भत्ता (DA)
- OPS: पेंशन पर भी DA मिलता है, यानी महंगाई के साथ पेंशन बढ़ती रहती है।
- NPS: पेंशन पर DA का लाभ नहीं, मार्केट रिटर्न पर निर्भर।
6. फायदे और नुकसान OPS VS NPS
OPS के फायदे
✅ जीवनभर गारंटीड पेंशन
✅ परिवार को फैमिली पेंशन
✅ पेंशन पर DA (महंगाई राहत)
✅ कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना पड़ता
OPS के नुकसान
❌ सरकार पर भारी वित्तीय बोझ
❌ युवा कर्मचारियों को निवेश पर नियंत्रण नहीं
NPS के फायदे
✅ सरकार पर कम वित्तीय बोझ
✅ कर्मचारी का योगदान भी बढ़ता है (रिटायरमेंट कॉर्पस बड़ा हो सकता है)
✅ निवेश मार्केट में होने से अधिक रिटर्न की संभावना
NPS के नुकसान
❌ पेंशन गारंटीड नहीं
❌ पेंशन मार्केट रिस्क पर निर्भर
❌ फैमिली पेंशन सीमित
7. OPS VS NPS का तुलनात्मक चार्ट
| विशेषता | OPS (पुरानी पेंशन) | NPS (नई पेंशन) |
|---|---|---|
| लागू वर्ष | 2004 से पहले | 2004 के बाद |
| योगदान | कर्मचारी से 0% | कर्मचारी 10% + सरकार 14% |
| पेंशन | अंतिम वेतन का 50% गारंटीड | मार्केट पर आधारित, गारंटी नहीं |
| DA का लाभ | हाँ | नहीं |
| परिवार पेंशन | हाँ, जीवनभर | सीमित एन्युइटी आधारित |
| जोखिम | शून्य | मार्केट रिस्क |
यहाँ पर अभी OPS VS NPS का एक हाई-क्वालिटी हिंदी इन्फोग्राफिक बना रहा हूँ,
जो सोशल मीडिया या पीडीएफ प्रेजेंटेशन के लिए परफेक्ट होगा। आप लोग OPS VS NPS अपने दोस्तों को शेयर भी कर सकते है . OPS VS NPS CHART IS GIVEN BLOW –CLICK HERE FOR CALCULATOR

FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों NPS VS UPS
1. NPS या UPS में से कौन बेहतर है?
NPS VS UPS एनपीएस निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और निवेश से जुड़ी वृद्धि को प्राथमिकता देने वालों के लिए उपयुक्त है, हालाँकि इसमें सुनिश्चित रिटर्न का अभाव है। यूपीएस दोनों में संतुलन बनाता है, अनिवार्य योगदान के साथ एक निश्चित पेंशन प्रदान करता है और इसे एनपीएस का एक संरचित विकल्प बनाता है।
2. यूपीएस के बाद एनपीएस का क्या होगा?
NPS VS UPS: यूपीएस द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस की जगह लेने की उम्मीद है, जो बाजार-आधारित रिटर्न के बजाय एक सुनिश्चित पेंशन मॉडल प्रदान करेगा। एनपीएस के तहत कर्मचारी बदलाव कर सकते हैं, लेकिन फंड ट्रांसफर और कराधान के विवरण अभी स्पष्ट नहीं हैं। इस बदलाव का सेवानिवृत्ति योजना पर असर पड़ेगा, इसलिए नीतिगत बदलावों के बारे में अपडेट रहना ज़रूरी है।
3. 2025 के लिए नई पेंशन योजना क्या है?
NPS VS UPS: एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस की जगह लेने के लिए बनाई गई है। यह एक निश्चित पेंशन संरचना प्रदान करती है और न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह पेंशन सुनिश्चित करती है, जिसमें सरकारी योगदान 8.5% निर्धारित है। एनपीएस के विपरीत, यूपीएस गारंटीकृत लाभ प्रदान करता है, लेकिन सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त निकासी के विकल्प का अभाव हो सकता है।
4. एनपीएस से कितनी पेंशन मिलती है?
एनपीएस में पेंशन राशि निश्चित नहीं होती, क्योंकि यह कुल संचित राशि और सेवानिवृत्ति के समय चुनी गई वार्षिकी योजना पर निर्भर करती है। सेवानिवृत्ति पर, कुल राशि का 60% कर-मुक्त निकाला जा सकता है, जबकि शेष 40% राशि को मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए वार्षिकी में निवेश करना होगा। पेंशन की सटीक राशि बाजार रिटर्न, वार्षिकी दरों और व्यक्तिगत योगदान के आधार पर भिन्न होती है।
5. क्या यूपीएस केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है?
NPS VS UPS: 2024 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्रदान करने के लिए केंद्रीय पेंशन योजना (यूपीएस) को मंज़ूरी दे दी। यूपीएस को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के एक वैकल्पिक घटक के रूप में पेश किया गया है। यह उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जो पहले से ही एनपीएस में नामांकित हैं और इस योजना का विकल्प चुन रहे हैं।